Feb 7, 2016

किसान आत्महत्या रोकना है तो देशी, बहुफसली और जैविक खेती अपनाएं : डा. वन्दना शिवा


मिर्जा मुराद (वाराणसी) : हाईब्रीज बीजों, रासायनिक दवाओं और उर्वरकों के दामों में बेतहाशा बृद्धि और मँहगाई की मार से आजीज आ चुके  किसानों हर साल हजारों की संख्या में आत्महत्या कर रहे है दिन प्रतिदिन मंहगी होती जा रही खेती से छोटे बड़े हर किसान कर्ज से दबा जा रहा है उन्हें अपने लागत का दाम भी नही मिल पा रहा है अगर उन्हें इनसबसे छुटकारा पाना है तो फिर से उन्हें   देशी और बहुफसली और जैविक खेती को अपनाना होगा ये बाते जाने माने पर्यावरणविद वैज्ञानिक डा0 वन्दना शिवा ने महिला किसान महापंचायत में बोली।


नागे पुर स्थित लोक समिति आश्रम में अन्न बीज स्वराज महिला किसान महापंचायत कार्यक्रम में  उन्होंने कहा कि आज सैकड़ो बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की नजर भारत के किसान पर है उन्हें ज्यादा मुनाफा का लालच देकर अपने महंगे नपुंसक बीज साथ ही रासायनिक दवा बेचकर खुद मुनाफा कमा रहे है और भारत के किसान को पारम्परिक खेती को छोड़ने के लिए मजबूर कर रहा है। इसके पूर्व लोक समिति आश्रम नागे पुर में महिला किसानो द्वारा बनाया गया अपना बीज बैंक का डा 0 वन्दना शिवा ने उद्घाटन किया ।बीज बैंक में ग्रामीण महिलाओं ने भारतीय देशी प्रजाति के सभी प्रकार के फल, सब्जी, अनाज, दलहनी एवं तिलहनी आदि उन्नतशील बीजों का जबरदस्त संग्रह किया है जहाँ से किसान बीज विनिमय के माध्यम से बिना पैसे के बीज प्राप्त कर रहे  है। बीज बैंक की खासियत यह है कि कोई भी किसान बैंक सदस्य बनकर मुफ्त में बीज प्राप्त कर सकता है और बदले में उसे कोई दूसरे प्रजाति का बीज बैंक में जमा करना होगा या फसल तैयार होने के बाद किसान को बीज के एवज में बीज देना होगा। अपना बीज बैंक में बीजों का क्रय विक्रय सिर्फ बीज विनिमय के माध्यम से होगा।

लोक समिति आश्रम नागेपुर में अपना बीज बैंक का आज उद्घाटन किया गया।क्षेत्र के दर्जनों महिला किसानों को अनेको भारतीय देशी प्रजाति के फल,सब्जी,अनाज,दलहनी,एवं,तिलहनी आदि उन्नतशील बीजों का वितरण किया गया। लोक समिति के संयोजक नन्दलाल मास्टर ने बताया कि अपना बीज बैंक का संचालन महिला किसान समूह के द्वारा किया जा रहा है । बीज बैंक में सिर्फ भारतीय देशी प्रजाति के सभी प्रकार के फल, सब्जी, अनाज, दलहनी एवं तिलहनी आदि उन्नतशील बीजों का संग्रह है। किसानों को हाईब्रीज व नपुंशक बीजों,रासायनिक दवाओं,और रासायनिक उर्वरकों से जमीन, पानी और स्वास्थ्य आदि पर हो रहे बुरा प्रभाव पर भी जागरूक किया जायेगा। साथ ही किसानों को जैविक खेती, प्राकृतिक खेती जैसे कम लागत वाली खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

नवधान्या देहरादून से आये किसान बैज्ञानिक नेगी भाई ,और स्वराज विद्यापीठ इलाहबाद के साथी स्वप्नील के नेतृत्व में दाल स्वराज यात्रा भी निकाली गयी।  डा 0 वन्दना शिवा ने हरी झण्डी दिखाकर यात्रा को रवाना किया दाल स्वराज यात्रा के संयोजक डा 0 स्वप्निल ने बताया कि यह यात्रा 14 फरवरी तक उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलो के गाँवो में निकाली जाएगी और 14 फरवरी को यात्रा का समापन इलहाबाद में किया जायेगा। यात्रा का उद्देश्य गांव के किसानो को ज्यादा से ज्यादा दलहनी और तिलहनी फसलों को लगाने के लिए प्रोत्साहित करना है।  कार्यक्रम का संचालन लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने स्वागत सरिता ने और धन्यवाद नाजमा ने किया।प्रेरणा कला मंच के कलाकारों ने खेती किसानी पर आधारित नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया।

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