Apr 11, 2016

होम्योपैथिक के जनक डॉक्टर हैनीमैन का मनाया गया जन्मदिन




सिंगरौली।। आज जिले में विश्व होमियोपैथिक डे के अवसर पर होम्योपैथिक के जनक डॉक्टर हैनीमैन का जन्मदिन दीप प्रज्वलित करके व केक काटकर मनाया गया इस अवसर पर नगर निगम सिंगरौली महापौर श्रीमती प्रेमवती खैरवार उपस्थित रहीद्य यहां उपस्थित वरिष्ठ होम्योपैथिक डॉक्टरों ने होम्योपैथिक चिकित्सा के बारे में बताया कि  होम्योपैथिक  ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसके माध्यम से सभी रोगों का इलाज कम खर्चे में एवं सरलता से किया जा सकता है साथ ही होम्योपैथिक इलाज के दौरान किसी भी तरह की कोई शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचता वही विश्व होम्योपैथिक डे के अवसर पर जिले की प्रथम नागरिक महापौर  को स्मृति चिंह देकर देकर सम्मानित किया गया।


होम्योपैथिक के वरिष्ठ चिकित्सक  डॉक्टर अखिलेश कुमार डॉक्टर आनंद शंकर डॉक्टर ओ पी रॉय डॉ आर जे यादव ने अपने उद्बोधन में कहा की होम्योपैथी, एक सम्पूर्ण  चिकित्सा पद्धति है। होम्यो पैथी चिकित्साद विज्ञान के जन्मोदाता डॉ. हैनिमैन है। यह चिकित्सा के श्समरूपता के सिंद्धातश् पर आधारित है जिसके अनुसार औषधियाँ उन रोगों से मिलते जुलते रोग दूर कर सकती हैं, जिन्हें वे उत्पन्न कर सकती हैं। औषधि की रोगहर शक्ति जिससे उत्पन्न हो सकने वाले लक्षणों पर निर्भर है। जिन्हें रोग के लक्षणों के समान किंतु उनसे प्रबल होना चाहिए। अतरू रोग अत्यंत निश्चयपूर्वक, जड़ से, अविलंब और सदा के लिए नष्ट और समाप्त उसी औषधि से हो सकता है जो मानव शरीर में, रोग के लक्षणों से प्रबल और लक्षणों से अत्यंत मिलते जुलते सभी लक्षण उत्पन्न कर सके।
होमियोपैथी पद्धति में चिकित्सक का मुख्य कार्य रोगी द्वारा बताए गए जीवन-इतिहास एवं रोगलक्षणों को सुनकर उसी प्रकार के लक्षणों को उत्पन्न करनेवाली औषधि का चुनाव करना है। रोग लक्षण एवं औषधि लक्षण में जितनी ही अधिक समानता होगी रोगी के स्वस्थ होने की संभावना भी उतनी ही अधिक रहती है। चिकित्सक का अनुभव उसका सबसे बड़ा सहायक होता है। पुराने और कठिन रोग की चिकित्सा के लिए रोगी और चिकित्सक दोनों के लिए धैर्य की आवश्यकता होती है।

होमियोपैथी चिकित्सकों की धारणा है कि प्रत्येक जीवित प्राणी हमें इंद्रियों के क्रियाशील आदर्श को बनाए रखने की प्रवृत्ति होती है औरे जब यह क्रियाशील आदर्श विकृत होता है, तब प्राणी में इस आदर्श को प्राप्त करने के लिए अनेक प्रतिक्रियाएँ होती हैं। प्राणी को औषधि द्वारा केवल उसके प्रयास में सहायता मिलती है। औषधि अल्प मात्रा में देनी चाहिए, क्योंकि बीमारी में रोगी अतिसंवेगी होता है। औषधि की अल्प मात्रा प्रभावकारी होती है जिससे केवल एक ही प्रभाव प्रकट होता है और कोई दुशपरिणाम नही होते। रुग्णावस्था में ऊतकों की रूपांतरित संग्राहकता के कारण यह एकावस्था प्रभाव स्वास्थ्य के पुनरू स्थापन में विनियमित हो जाता है।

दिव्यांग बच्चों को किया गया सम्मान
इस अवसर पर दिव्यांग बच्चों को गिफ्ट देकर  महापौर नगर निगम सिंगरौली द्वारा सम्मान किया गया। मुख्य अतिथि महापौर श्रीमती प्रेमवती खैरवार नगर निगम सिंगरौली ने कहा के भविष्य में ऐसे आयोजन में नगरनिगम सिंगरौली के तरफ से यथासंभव सहयोग किया जाएगा.

ये डॉक्टर रहे मौजूद
उक्त अवसर पर डॉ जे पी मिश्रा,डॉ रामराज जायसवाल ,डॉ सुमित गुप्ता ,डॉ वेदप्रकाश ,डॉ अविनाश गुप्ता,डॉ एल के सिंह ,डॉ ओपी राय डॉ सुशिल सिंह चंदेल ,डॉ आर जे यादव ,डॉ एस प्रसाद ,डॉ बीके अहिरवार ,डॉक्टर राजगिरी सिंह , डॉ एस एल पांडे ,डॉ आनंद शंकर ,डॉ ओ पी सिंह, डॉ ए के चौबे डॉ सुमन, डॉ गोपाल  डॉ बी के सिंह, डॉ गोविंद पांडे ,डॉ सी चक्रवर्ती ,डॉ एस के पांडेय, वाहेगुरु मेडिकल ,डॉ एस के पांडेय, वरिष्ठ डॉ दुलार चंद ,डॉ प्रीति कुशवाहा, डॉ संजय ,डॉ पी के सिंह डॉ राजकुमार सेन ,डॉ राजेंद्र श्रीवास्तव डॉ प्रकाश सिंह , डॉ कुणाल सिंह, डॉ ओम प्रकाश सिंह मंजू होम्यो हॉल बैढ़न सहित जिले के कई होम्योपैथिक डॉक्टर एवं जिले के कई सम्मानित पत्रकार साथी मौजूद  रहे। उक्त कार्यक्रम के सफलता के लिए डॉ सुशिल कुमार चंदेल ने समस्त होम्योपैथिक परिवार के तरफ से मोहम्मद रफिक मैनेजर थायरोकेयर कलेक्सन सेंटर पचखोरा बैढन सिंगरौली मध्य प्रदेश और ओम प्रकाश सिंह, मंजू होमियो हाल द्वारा किए योगदान को सराहते हुए धन्यवाद किया ।

अब्दुल रशीद
संपादक
उर्जांचल टाईगर(हिंदी मासिक)
सचिव(रीवा संभाग)
मध्य प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ
www.urjanchaltiger.in

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